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Safar Sikhar Tak

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Pritam Singh Yadav , Vineeta Ekka

रख दे चाहे शमशीर ही क्यूँ ना हमारे गर्दन पर कोई मगर तोड़ सकता नहीं मेरे बुलंद हौसलों को आगे बढ़ने से। प्रवीणा कुमारी चलने से कहा थकता हैं 'आफ़ताब-ए-आब', मेरा इक़रार तो 'सफर शिखर तक' जाना हैं l सुरज कुमार कुशवाहा सफ़र से शिखर तक मैंने व्यक्ति को रोते देखा है, वक़्त बदलते, पर हिम्मत का दीप नहीं बुझते देखा है। दिव्या गंगवार मैं खुद से खुद की पहचान क्या लिखूँ, हूँ नादान परिन्दा फिर अपनी उड़ान क्या लिखूँ ? यादव बलराम टाण्डवी

Genre:

Short stories

English

Language:

Safar Sikhar Tak
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